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जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप

 जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप

 James Webb Space Telescope

जेम्स  वेब  स्पेस टेलिस्कोप  हे  एक  अंतराळ मध्ये  जाऊन  काम  करणारी  दुर्बीण  आहे. जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप  हे  जसे  आपण  पुथ्वी  वरून  टेलेस्कोप  ने  वेगवेगळे ग्रह,तारे  बघतो  तसेच  अंतरिक्ष  मधून  दूर  असणाऱ्या  व  अस्पष्ट्ये पणे  दिसणाऱ्या वस्तुंना  आपण  पाहू  शेकतो  तसेच  आपण  त्या  वस्तू  वर  नजर  ठेऊन  आपण  त्या  ग्रह  व  त्यांचे चंद्र  ,तारा  यासारख्या  घटकाचे  संरचनेचा  आपण  अभ्यास  हा करू  शिकतो.

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप

जेम्स वेब स्पेस  टेलिस्कोप  हे  बनवण्यासाठी  अमेरिकन  संस्था  नासा (NSA) याने  दोन  वेगळ्या  देशाच्या  अंतराळ  संस्थे  ची  मदत  खेतील  ह्या  संस्था  म्हणजे  युरोपिन  अंतराळ  संस्था(ESA) व  कॅनेडीन  अंतराळ  संस्था (CSA) यानाची  मदत हि खेतली. 

हि  दुर्बीण  सुदा हबल अवकाश दुर्बीण याच्या  सारखी  चा  आहे. पण  या मध्ये  फरक हा  आहे  कि  हबल  दुर्बीण  हि  फक्त  डोळ्याने  दिसणारे  वस्तू म्हणजे  प्रकाश  असणारे  वस्तूच  फक्त  बघू  शेकते  त्यामुळे  जर  एखाद्या  ग्रह  बघत असताना  त्याचे  वायू  मंडळ  अडवाये  येत  होते. 

तसे  जेम्स  वेब  टेलिस्कोप  हे  इन्फ्रारेड  याच्या  साहायाने  वायू  मंडळाच्या  आत सुद्धा  बघू  शिकते  व  हबल  दुर्बीण  च्या  तुलनेत  चांगले एचडी  प्रतिमा  काढू शिकते.

जेम्स वेब स्पेस  टेलिस्कोप  चा  इतिहास

जेम्सह  वेब स्पेस  टेलिस्कोप  हे  २५ डिसेम्बर  २०२१  मध्ये  नासा  या  अमेरिकन  संस्थे  ने  कोरो, फ्रेंच  येथून   एरियन-५  च्या  रॉकेट   सहाय्याने  प्रेक्षपिट करण्यात  आले होते . हि  दुर्बीण  जानेवारी २०२२ मध्ये  सूर्ये  व  पुथ्वी  मधील  पॉईंट L२ पॉंईट  वर  पोहचली  या  दुर्बीण  ची पहिली  प्रतिमा ११ जुलै २०२२ रोजी  लोकांसाठी  पत्रकार  पारसीद  डावरे  प्रसिद्द  केली  हि  दुर्बीण पुथ्वी  पासून  सुमारे  १. ५ दशलक्ष  किलोमीटर  लांब अंतर  वर  आहे.

 जेम्सह  वेब स्पेस  टेलिस्कोप या दुर्बीण  मध्ये सोन्या  या  धातू  चा  मुलायम  असले व  बेरेलीमपासून  बनवले  अठरा  षटकोनी  आकाराचे  आरसे  आहेत. जे  या  दुर्बिणीला  २१ फुटाच्या  वासाची  भिंग  प्रधान  करतात  यामुळे  सुमारे २५ चोरस  मीटरचा  भाग हा  प्रकाश  संकलन  साठी वापरला  जातो.

 पहिला  या  दुर्बीनेचे  नाव  हे  TWR हे  होते  पण  परत जेम्स वेब  हा  नासा (NSA) मधील  प्रमुख  संशोधक होता  म्हणून  ह्या  संशोधकाच्या  नावावरून  या दुर्बीण ला  जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप  असे  नामांतर  करण्यात  आले  आहे. 

कालावधी  

जेम्स वेब  स्पेस  टेलेस्कोप  या  मोहिमे  चा  कालावधि  हा  ऐकून  ५  वर्षा  साठी  नियोजन  केले  होते  पण  नासा  च्या संशोधकाच्या  ध्येय  हे  १० वर्षा च्या  कालावधी  साठी  होता या  दुर्बीण  ची  कक्षा  हि ऐकून ३,७४,०० किमी  ते १५,००,०० हे  एवढी  आहे.  या  दुर्बीण  ची  कक्षा  साठी  L2 पॉईंट  म्हणजे  सूर्ये  व पुथ्वी मधील  मधला पॉईंट मध्ये  जायला  लागणार  होते या  साठी  सुमारे ६ मिहन्याचा  कालावधी  हा लागला. 

उपकरणे 

या  दुर्बीण  मध्ये  मुख्ये  एकूण ५ उपकरणे  हे बसवले आहेत. पहिला  म्हणजे NIRCam Near IR Camera दुसरा  म्हणजे Near-Infrared Spectrograph तिसरा  म्हणजे MIRI Mid IR Instrument चवथा  म्हणजे Near Infrared Imager and Slitless Spectrograph व पाचवा म्हणजे FGS Fine Guidance Sensor असे हे  उपकरणे आहेत. 

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